Description
हिंदी साहित्य को आज भी उस गरिमामई स्थान पर ले जाती हैं, जहाँ से युवाओं की रूचि हिंदी साहित्य के प्रति जागृत होती है। साहित्य को किसी भी भाषा की आत्मा कहना अनुचित नहीं होगा, हर भाषा का अपना एक साहित्य होता है, जिसके माध्यम से शब्दों और भावनाओं के संगम को आसानी से देखा जा सकता है। हिन्दी साहित्य के अनमोल रत्न राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी एक महत्वपूर्ण कवि, विचारक और सामाजिक आंदोलनकर्मी थे, जिन्होंने समाज में उठ रहे हर सवाल और हर भाव को अपने शब्दों में एक उचित स्थान दिया। उनका कवि जीवन एक लंबा और संघर्षमय था, और उनकी काव्यशक्ति ने भारतीय समाज और राजनीति को गहरे रूप में प्रभावित किया। दिनकर का काव्य जीवन विशेष रूप से प्रेरणादायक, देशभक्ति और मानवतावादी दृष्टिकोण से भरा हुआ था। उनके द्वारा रचित समग्र काव्य को समझने के लिए हमें उनकी रचनाओं के विभिन्न पहलुओं को गहराई से देखना होगा। इस पुस्तक में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की 223 प्रमुख कविताओं का संकलन प्रस्तुत किया गया है जो µ देशभक्ति, सामाजिक जागरण, और व्यक्ति की मानसिक और आत्मिक स्वतंत्राता जैसे विषय प्रमुख रूप से देखने को मिलते हैं। वे भारतीय समाज की परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति गहरी श्रद्धा रखते थे। उनका विश्वास था कि भारत को अपने प्राचीन गौरव को पुनः प्राप्त करना होगा, और इसके लिए उसे अपने अंदर के आत्मविश्वास और शक्ति को जागृत करना होगा।
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